Thursday 9 July 2015

शादी का तोहफा

शादी का तोहफा

जिस तरह शादी मे बहुत से तोहफे मिलते है कुछ उसी तरह का है 498A IPC!

यह एक पूरे package के साथ मिलता है जिसमे Domestic Violence और CRPC125 भी आते है सभी केस एक साथ पूरे परिवार पर किया जाता है!

शुरु मे 498A IPC से गिरफ्तरी का भय बनाया जाता है क्युकि यह Non bailable है और जमानत केवल न्यायलय से ही हो सकती है! यहा से शुरु होता है इस कानून का खेल! समझोते के लिये भारी रकम मांगी जाती है वरना जेल का बद्नामी का भय दिखाया जाता है! समाज पुलिस न्यायलय आदि सब महिला का ही पक्श लेते है तो आदमी का साहस टूट्ने लगता है!

कुछ लोग यह सब सह नही पाते और आत्म्हत्या तक कर लेते है जिनकि सख्या 64 हज़ार प्रति वर्श है! जो बच जाते है वो जेल जाते है क्युकि अधिक्तर लोगो को पुलिस गिरफ्तार करके ले जाती है! अगर वहा बच जाये तो भी जमानत लेने के समय 1-2 दिन को तो जाना ही होता है!

फिर जब बाहर आते है तो अगला कार्यक्रम शुरु होता है जिसमे Domestic Violence और CRPC125 आते है! नौकरी खो चुके उस पुरुश से अब गुजारा भत्ते के रुप मे पैसा लिया जाता है! अधिक्तर जेल जाने की वजह से नौकरी खो चुके होते है! बेचारा बिना नौकरी के तो कैसे कैसे यहा तक पहुचा होता है, बेल कराने, पुलिस की व वकीलो की सेवा करके अब तक लुट चुके पुरुश से अब न्यायलय गुजारा भत्ते देने अथवा फिर जेल जाने का प्रस्ताव रखती है! 

Domestic Violence और CRPC125 दोनो ही बडे अजीब कानून है prima facia और assumption पे महिला की बातो को सच मानते हुये खर्चा निर्धरित कर दिया जाता है! कई मुकद्मो मे तो कामकाजी महिला अपने बेरोजगार हो चुके पति से खर्चा लेती है क्युकि ये उसका अधिकार होता है! पति बेचारा कही का नही रहता! तलाक ले नही सकता उसमे Sec24 HMA लगा के पैसे की मांग आ जाती है!

बेसहारा पति बस इसी तरह लडता रहता है सहता रहता कोई सुनने वाला नही होता क्युकि नारि तो अबला होती है वो कभी झूट नही बोलती! पुरुश अपने पुरुश होने पे रोता रहता है! न्यायलय जाता रहता है फरियाद करता रहता है पर कोई सुनने वाला नही होता क्युकि पुरुश तो criminal होता है!

यही कहानी है 412438 पुरोशो की जिनके केस NCRB के अनुसार लम्बित पडे हुये है! कभी सोचिये उनके परिवार के बारे मे कित्नी यात्नये झेल्ते होंगे! पल पल मरते होन्गे कि अचछा मिला शादी का तोहफा शादी ना हो गयी कोइ जुर्म कर दिया! इन आंक्डो पे नज़र डालिये और एह्सास किजिये कि और कितने घर बर्बाद करेगा ये कानून!


Year
Cases
Arrests
Conviction
(at lower court)
Suicides by husband
2009
89546
174395
19.9%
58192
2010
94041
180413
20.6%
61453
2011
99135
180701
20.6%
64323
2012
106527
197762
14.4%
65979
2013
118866
222091
15.6%
68756
Source: NCRB data 2013

Cases Filed under 498A and disposed of by Courts
Year
Total Cases pending trail up to that year
Convicted
Acquitted
Withdrawn
Total cases remaining at the end of year
Conviction Rate of Cases under 498A
Average Conviction Rate of all IPC crimes
2007
267600
6831
25791
6364
228614
21.2%
42.30%
2008
293416
7710
26637
7310
251759
22.7%
42.60%
2009
323355
7380
29943
7111
278921
19.9%
41.70%
2010
357343
7764
32987
6601
309991
19.6%
40.70%
2011
387690
8167
32171
7477
339902
20.6%
41.10%
2012
426922
6916
39138
8775
372706
14.4%
38.50%
2013
466079
7258
38165
8218
412438
15.6%
40.20%

(Views are personal)

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